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G.B.S Disorder: Treatment And Recovery.! GBS कि बिमारी का इलाज और ठीक होने कि संभावना

 

🧠 गिलियन बेरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS): एक खतरनाक लेकिन इलाज योग्य बीमारी | पूरी जानकारी हिंदी में
✍️ लेखक: डॉ. के. एस. चौगुले | Aarogya Advice (www.aarogyaadvice.com)

 

🔍 परिचय: G. B. S. (गिलियन बेरे सिंड्रोम) क्या है?

गिलियन बेरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल बीमारी (Autoimmuneटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल बीमारी (Autoimmune Neurological Disorder) है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) गलती से अपने ही नर्वस सिस्टम पर हमला करती है।

इस बीमारी में Peripheral Nerves (परिधीय तंत्रिकाएं) प्रभावित होती हैं जिससे व्यक्ति को कमजोरी, सुन्नपन (numbness), मांसपेशियों का नियंत्रण खोना और यहां तक कि लकवा (Paralysis) तक हो सकता है।

🧠 GBS कैसे होता है? | गिलियन बेरे सिंड्रोम का कारण

GBS का सही कारण आज भी 100% स्पष्ट नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स की रिसर्च के अनुसार यह बीमारी आमतौर पर किसी बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के बाद होती है।

सबसे सामान्य ट्रिगरिंग एजेंट्स:

Campylobacter jejuni (एक प्रकार का बैक्टीरिया, जो खाने से फैलता है)

Influenza Virus (फ्लू वायरस)

Cytomegalovirus (CMV)

Epstein-Barr Virus (EBV)

COVID-19 संक्रमण या वैक्सीन के बाद भी कुछ मामलों में GBS देखा गया है

 

 

👤 एक मरीज की सच्ची कहानी – केस स्टडी

नाम: श्री सुभाष कांबळे
उम्र: 52 वर्ष
पेशा: किसान
स्थान: रत्नागिरी, महाराष्ट्र

सुभाषजी को तीन सप्ताह पहले वायरल बुखार हुआ था। बुखार ठीक होते ही, उन्होंने महसूस किया कि उनके पैर सुन्न हो रहे हैं और धीरे-धीरे चलना मुश्किल हो गया। दो दिन में वह अपने पैरों पर खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।

परिवार ने तुरंत उन्हें Matru Krupa Hospital, रत्नागिरी में भर्ती कराया। जांच के बाद हमें शक हुआ कि यह GBS (Guillain-Barre Syndrome) हो सकता है।

EMG-NCV टेस्ट और CSF एनालिसिस (Lumbar Puncture) से पुष्टि हुई कि सुभाषजी को GBS है।

उन्हें तुरंत IVIG (Intravenous Immunoglobulin) थेरेपी दी गई और ICU में मॉनिटर किया गया। तीन सप्ताह में सुभाषजी की हालत में सुधार दिखा और आज वो धीरे-धीरे चलने में सक्षम हैं।

🧬 गिलियन बेरे सिंड्रोम के लक्षण | Symptoms of GBS in Hindi

1. हाथ-पैरों में सुन्नपन (Numbness or Tingling)

2. मांसपेशियों में कमजोरी, जो धीरे-धीरे बढ़ती है (Ascending Paralysis)

3. चलने में कठिनाई या गिर पड़ना

4. चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी (Facial Droop)

5. सांस लेने में दिक्कत (Respiratory Paralysis)

6. हृदय गति और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव

7. गहरी रिफ्लेक्स गतिविधियां कम या समाप्त हो जाती हैं

 

 

🔬 गिलियन बेरे सिंड्रोम का निदान | Diagnosis of Guillain-Barré Syndrome

GBS का सही और समय पर निदान बेहद ज़रूरी है। निम्न टेस्ट्स का सहारा लिया जाता है:

Lumbar Puncture (CSF Analysis): CSF में protein ज़्यादा होता है लेकिन cells कम होते हैं – इसे albuminocytologic dissociation कहा जाता है।

Nerve Conduction Velocity (NCV) और Electromyography (EMG): नर्व्स की कार्यक्षमता को मापा जाता है।

MRI Brain and Spine: differential diagnosis के लिए

 

💉 GBS का इलाज | Treatment of GBS in Hindi

1. IVIG (Intravenous Immunoglobulin Therapy):

मरीज को हाई डोज़ इम्यूनोग्लोबुलिन दी जाती है जो Immune Attack को रोकती है।

लगभग 5 दिन का कोर्स होता है।

 

2. Plasmapheresis (Plasma Exchange):

मरीज के खून से खराब antibodies को निकाला जाता है।

यह भी लगभग 5-6 सिटिंग्स में किया जाता है।

 

3. ICU सपोर्ट और वेंटिलेटर की आवश्यकता:

अगर मरीज की सांस की मांसपेशियां प्रभावित हो जाएं, तो वेंटिलेटर पर रखना ज़रूरी होता है।

 

4. फिजियोथेरेपी और न्यूरोरिहैबिलिटेशन:

रिकवरी के बाद patient को चलने, उठने, संतुलन बनाने की physiotherapy दी जाती है।

 

 

 

रिकवरी और संभावनाएं | GBS Recovery Chances

70% से ज्यादा मरीज 3-6 महीनों में पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

15% मरीजों को लंबे समय तक कमजोरी रह सकती है।

लगभग 3-5% मामलों में यह जानलेवा हो सकता है।

 

⚠️ GBS से जुड़े खतरे | Complications of GBS

सांस की मांसपेशियों का फेल होना

हृदय गति की अनियमितता

संक्रमण का खतरा

मानसिक तनाव और अवसाद

लंबे समय तक ICU में र

📚 GBS से जुड़ी कुछ नयी रिसर्च

2023-24 की स्टडीज के अनुसार:

COVID-19 संक्रमण और वैक्सीनेशन के बाद GBS के कुछ rare but confirmed cases देखे गए हैं।

Early IVIG थेरेपी देने पर ICU स्टे और वेंटिलेटर जरूरत में कमी देखी गई है।

Biomarkers के जरिये early detection पर रिसर्च चल रही है।

 

 

🧘‍♀️ GBS मरीज के लिए विशेष देखभाल | Home Care Tips

संतुलित आहार (Balanced Diet)

हाई प्रोटीन फूड्स

स्ट्रेस फ्री माहौल

रोज़ाना physiotherapy

डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित सेवन

 

 

🩺 निष्कर्ष | Final Thoughts by Dr. K. S. Chougule

गिलियन बेरे सिंड्रोम (GBS) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य स्थिति है। समय रहते पहचान, सही इलाज और अच्छी देखभाल से मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। मेरी सलाह है कि अगर किसी को अचानक कमजोरी, सुन्नपन या चलने में दिक्कत हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Aarogya Advice के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य की सही जानकारी मिले ताकि समय पर इलाज शुरू किया जा सके।

 

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आपके स्वस्थ जीवन की शुभकामनाओं के साथ,
डॉ. के. एस. चौगुले
(MD, 12+ वर्षों का अनुभव, Ratnagiri)