Aarogya Advice

D.V.T. Treatment Options: डी. व्ही. टी. कि बिमारी के उपाय 

D.V.T. Treatment Options: डी. व्ही. टी. कि बिमारी के उपाय 

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis – DVT): एक खतरनाक लेकिन रोकी जा सकने वाली बीमारी

 

नमस्कार,
मैं डॉ. के. एस. चौगुले, पिछले 12 वर्षों से एक मल्टीथैरेपी चिकित्सक के रूप में कार्यरत हूँ। आज मैं आपके साथ Deep Vein Thrombosis D. V. T.  (डीवीटी) नामक एक गंभीर लेकिन प्रिवेंटेबल बीमारी की जानकारी साझा कर रहा हूँ। यह लेख “Aarogya Advice” पर खासतौर पर उन लोगों के लिए लिखा गया है जो अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हैं।

क्या है डीप वेन थ्रोम्बोसिस? (What is Deep Vein Thrombosis?)

Deep Vein Thrombosis (DVT) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अंदरूनी हिस्सों में स्थित गहरी नसों (Deep Veins) में खून का थक्का (Blood Clot) बन जाता है। यह आमतौर पर पैरों (Legs) में होता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों जैसे हाथ या पेट में भी हो सकता है।

यदि यह थक्का फेफड़ों में चला जाए तो यह Pulmonary Embolism (फेफड़ों में थक्का जाने की स्थिति) में बदल सकता है, जो जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है।

 

एक असली केस: श्री रामदास पाटिल की कहानी

56 वर्षीय श्री रामदास पाटिल, एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं। हाल ही में वे मेरे पास तेज दर्द, सूजन और पैरों में भारीपन की शिकायत लेकर आए। उन्हें ये समस्या एक लंबी ट्रेन यात्रा के बाद हुई थी।

जांच करने पर Doppler Ultrasound द्वारा पता चला कि उनके बाएं पैर की गहरी नस में Deep Vein Thrombosis विकसित हो चुका था। गनीमत यह रही कि समय रहते जांच हो गई और सही इलाज शुरू किया गया, जिससे वह Pulmonary Embolism से बच पाए।

डीवीटी के लक्षण (Symptoms of Deep Vein Thrombosis)

  1. पैरों में सूजन (Swelling in Leg)
  2. दर्द और जकड़न (Pain and Cramps)
  3. त्वचा का लाल या नीला रंग (Skin Discoloration)
  4. स्पर्श करने पर गर्माहट (Warmth in affected area)
  5. चलने में कठिनाई
  6. यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

 

डीवीटी होने के कारण (Causes of Deep Vein Thrombosis)

1. लंबे समय तक बैठना या लेटना (Prolonged Immobility)

फ्लाइट यात्रा, ट्रेन यात्रा, या लंबे समय तक बिस्तर पर रहना।

 

2. सर्जरी या चोट के बाद (Post-surgical or Traumatic Condition)

खासकर ऑर्थोपेडिक सर्जरी के बाद DVT का खतरा ज्यादा होता है।

 

3. गर्भावस्था और प्रसव के बाद (Pregnancy and Postpartum)

गर्भावस्था में खून का थक्का बनने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

 

4. धूम्रपान (Smoking)

यह रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करता है जिससे थक्का बनने की संभावना बढ़ती है।

 

5. मोटापा (Obesity)

यह रक्त के प्रवाह में बाधा डालता है।

 

6. हार्मोनल थेरेपी या गर्भनिरोधक गोलियाँ (Oral Contraceptives / HRT)

7. जेनेटिक फैक्टर (Genetic predisposition)

यदि परिवार में किसी को DVT हुआ है, तो खतरा बढ़ जाता है।

 

 

जोखिम वाले लोग (Risk Factors for DVT)

  1. 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
  2. गर्भवती महिलाएं
  3. हृदय रोग या कैंसर के रोगी
  4. हाल ही में ICU में भर्ती हुए मरीज
  5. Frequent flyers (Frequent air travelers)

 

 

DVT का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Deep Vein Thrombosis)

1. D-Dimer Test

रक्त में D-dimer का बढ़ा हुआ स्तर थक्का बनने का संकेत देता है।

 

2. Doppler Ultrasound

यह सबसे आम और सटीक तरीका है जिससे नसों में थक्का देखा जा सकता है।

 

3. Venography

नस में डाई डालकर एक्स-रे से देखा जाता है।

 

4. MRI या CT Scan

यदि थक्का गहरी जगह पर हो।

 

 

डीवीटी का उपचार (Treatment of Deep Vein Thrombosis)

1. एंटीकोएगुलेंट दवाइयाँ (Blood Thinners)

जैसे कि Heparin, Warfarin, या newer NOACs (Apixaban, Rivaroxaban)

ये दवाइयाँ थक्के को बड़ा होने से रोकती हैं और नए थक्के बनने से बचाती हैं।

2. थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी (Thrombolysis)

गंभीर मामलों में clot को घोलने वाली दवा नस में दी जाती है।

3. Compression Stockings

पैरों की सूजन कम करने में मदद करते हैं और खून के प्रवाह को बनाए रखते हैं।

4. IVC Filter

यदि दवा देना संभव न हो तो यह उपकरण नस में डाला जाता है ताकि थक्का फेफड़ों में न जाए।

 

 

घरेलू उपाय और बचाव (Home Remedies and Prevention)

✅ चलना-फिरना जारी रखें

लंबे समय तक बैठने से बचें। हर 1 घंटे में थोड़ा चलें, पैर हिलाएँ।

✅ पानी पिएँ

डिहाइड्रेशन खून को गाढ़ा कर सकता है जिससे DVT का खतरा बढ़ता है।

✅ वजन नियंत्रित रखें

मोटापा DVT का बड़ा कारण है।

✅ धूम्रपान से दूर रहें

यह रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचाता है।

✅ यात्रा में ध्यान रखें

लंबी यात्रा में पाँव हिलाते रहें और टाइट कपड़े पहनने से बचें।

 

आधुनिक शोध क्या कहता है? (Latest Research on DVT)

2024 की एक रिसर्च के अनुसार, COVID-19 संक्रमण के बाद DVT का खतरा बहुत अधिक देखा गया है।

एक अन्य रिसर्च बताती है कि Artificial Intelligence (AI) द्वारा विकसित एल्गोरिदम अब DVT का प्रारंभिक निदान करने में मदद कर सकते हैं।

नई दवाइयाँ जैसे DOACs (Direct Oral Anticoagulants) ज्यादा सुरक्षित और आसान साबित हो रही हैं।

 

निष्कर्ष (Conclusion)

Deep Vein Thrombosis (DVT) एक जानलेवा लेकिन प्रिवेंटेबल स्थिति है। समय पर पहचान और इलाज से इसे गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। जैसे कि हमने रामदास जी के केस में देखा, जागरूकता और जल्दी इलाज से जान बचाई जा सकती है।

इसलिए यदि आप या आपके परिवार में किसी को अचानक पैरों में सूजन, दर्द या लालिमा महसूस हो, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

 

 

 

✍️ लेखक: डॉ. के. एस. चौगुले
🌐 वेबसाइट: www.aarogyaadvice.com
📍 विशेषज्ञता: मल्टीथैरेपी इलाज – एलोपैथी, आयुर्वेद, फिजियोथैरेपी, एक्यूप्रेशर और पंचकर्म

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *